Mary Kom Retirement: मैरी कॉम, भारतीय मुक्केबाज और ओलंपिक पदक विजेता, ने बुधवार को अपने संन्यास के बारे में बात करके सभी को चौंका दिया था। समाचारों में आया कि उन्होंने संन्यास ले लिया है, लेकिन अब उन्होंने एक बयान जारी करके यह स्पष्ट किया है कि यह सूचना गलत है। उन्होंने कहा है कि उन्होंने अभी तक संन्यास नहीं लिया है और उसे लेकर सभी को गलतफहमी हुई है। मैरी ने कहा, “मेरा संन्यास लेने का समय आएगा तो मैं खुद मीडिया के सामने आकर इसकी घोषणा करूंगी। मैं चाहती हूँ कि इस बड़े मोमेंट को सही तरीके से साझा किया जाए, और इसमें कोई भी भ्रम ना हो।” उनके इस बयान ने सभी को हैरान कर दिया है और फैंस को आशा है कि वह जल्दी ही इस महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक क्षण का समाचार सुनेंगे।
असल में, भारत की मशहूर मुक्केबाज मैरी कॉम ने बुधवार को एक इंटरव्यू में बताया कि उसे अब तक संन्यास नहीं लेना है, लेकिन उसने यह भी कहा कि उम्र की सीमा ने उसे अधिकांश टूर्नामेंट्स में भाग लेने से रोक दिया है और उसका करियर लगभग समाप्त हो गया है। मैरी ने कहा, “मैंने कुछ मीडिया रिपोर्ट्स देखी हैं, जिनमें कहा गया है कि मैंने संन्यास ले लिया है। मेरे बयान को गलत तरीके से पेश किया गया है। मैं संन्यास की कगार पर हूं, लेकिन अभी तक मैंने संन्यास नहीं लिया है।” उन्होंने जोड़ते हुए कहा, “मैं अभी भी खेलने के लिए तैयार हूं और योजना बना रही हूं कि कैसे मैं आगे बढ़ सकती हूं।”
बुधवार को, Mary Kom ने एक इवेंट में कहा, ‘मेरी तो अभी भी जिज्ञासा है, मैं और मैच खेलना चाहती हूं। पर मेरे लिए यह दुखद है कि आयु सीमा के कारण मैं किसी भी टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं ले सकती। मेरे पास इसमें बहुत सी उत्कृष्टता लाने का एक मौका है, लेकिन नियमों के कारण मुझे खेलने से वंचित किया जा रहा है। मैं चाहती हूं कि मैं और मैच खेल सकूँ, पर मुझे यह अनुमति नहीं है। इस आयु सीमा ने मेरे लिए खेल छोड़ने का समय तय कर दिया है। इस पर मेरी आपत्ति है।’ Mary Kom ने आरोप लगाया कि उनका बयान गलत रूप से प्रस्तुत किया गया है। उन्होंने इसकी पूरी कहानी सुनाई, जिससे स्पष्ट होता है कि उन्होंने केवल खुद को नहीं, बल्कि हमने खेल जगत को भी नए नजरिए से देखने का प्रयास किया है।
Mary ने बताया कि 24 जनवरी को मैंने डिब्रूगढ़ में एक स्कूल के कार्यक्रम में शामिल होकर बच्चों को प्रेरित किया। मैंने उनसे कहा, “मुझमें अभी भी खेलों में ऊँचाईयों को छूने की इच्छा है, लेकिन ओलंपिक में उम्र सीमा के कारण मैं भाग नहीं ले सकती। हालांकि, मैंने ठाना है कि मैं खेलना जारी रखूंगी। मैं अभी भी फिटनेस पर ध्यान दे रही हूं और जब भी मैं संन्यास लूंगी, तो सभी को इसकी सूचना दूंगी।
Boxing champion Mary Kom says, "I haven’t announced retirement yet and I have been misquoted. I will personally come in front of media whenever I want to announce it. I have gone through some media reports stating that I have announced retirement and this is not true. I was… pic.twitter.com/VxAcFsq44v
— ANI (@ANI) January 25, 2024
Mary Kom, जिन्हें हम प्यार से “मैगी” भी कह सकते हैं, वे बॉक्सिंग की दुनिया की शानदार कहानी हैं। वह वही पहली महिला मुक्केबाज हैं, जिन्होंने विश्व कप में छह बार सोने की चमक बिखेरी है। उन्होंने 2014 एशियाई खेलों में भी पांच बार अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन करके स्वर्ण पदक जीता, जिससे वह भारत की पहली महिला मुक्केबाज बन गईं। यह महान मुक्केबाज ने लंदन 2012 ओलंपिक खेलों में भी अपनी कठिनाईयों को मात देकर कांस्य पदक जीता। उनका यह उपलब्धि दुनियाभर में गौरव का स्रोत बन गया है, और वह खेल के इतिहास में सब से अनोखी बनी हैं। उन्होंने अपने बहादुरी और संघर्ष के लिए जानी जाती हैं, जो एक छोटे से गाँव से लेकर विश्व मंच तक पहुंचने में मदद करती हैं। Mary Kom ने महज 18 साल की उम्र में स्क्रैंटन, पेंसिल्वेनिया में अपने पहले विश्व कप में दुनिया को अपनी प्रतिभा का एक नया नजरिया दिखाया। उनकी कड़ी मेहनत और संघर्ष ने उन्हें एक अनोखी चमकती जगह पर ला खड़ा किया है, जिसे उन्होंने कभी नहीं छोड़ा।
Mary Kom ने अपनी जबरदस्त मुक्केबाजी से सबको हैरान कर दिया! उन्होंने पहले विश्व कप में 48 किग्रा वर्ग की फाइनल में अपनी जगह बनाई। हालांकि उन्होंने फाइनल में हार को सही, लेकिन उनकी सफलता की कहानी ने एक नया मोड़ दिखाया। इसके बाद, मैरी कॉम ने पीछे मुड़कर कभी नहीं देखा। उन्होंने एआईबीए महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर भारत को गर्वित किया। वह पहली भारतीय महिला बनीं जो इस उच्च स्तर की प्रतियोगिता में सफलता हासिल करने में कामयाब हुईं।
Mary Kom ने 2005, 2006, 2008, और 2010 में चार बार विश्व चैम्पियन बना। 2008 में खिताब जीतने के बाद, उन्होंने अपने जुड़वा बच्चों को जन्म दिया और एक छुट्टी पर गईं। 2012 ओलंपिक में पदक जीतने के बाद, मैरी ने अपने तीसरे बच्चे को जन्म दिया और फिर से वापसी की। 2018 विश्व चैम्पियनशिप में वह फाइनल में पहुंची और यूक्रेन की हन्ना ओखोटा को 5-0 से हराकर अपना छठा विश्व कप जीता। एक साल बाद, उन्होंने आठवां पदक जीता, जो इस टूर्नामेंट में किसी भी मुक्केबाज के लिए सबसे ज्यादा है।