“Mahashivratri 2024: आज का शुभ समय और पूजन विधि, तैयार हों शिव को आदर्श्य करने के लिए!”

Kamaljeet Singh

Mahashivratri 2024: महाशिवरात्रि का त्योहार आज 8 मार्च को है। यह पर्व हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। महाशिवरात्रि के इस पवित्र दिन पर हम भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। इस दिन भक्त शिव और पार्वती का विवाह भी याद करते हैं, जिससे उनके प्रेम की मिसाल मिलती है।

इस महान दिन पर, भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए शुभ मुहूर्त में पूजन की जाती है। यह पूजन का समय चार पहरों में बाँटा गया है, जिसमें हम उनके ध्यान में लीन होते हैं और उनके चरणों में अपनी भक्ति अर्पित करते हैं। इस दिन को विशेष महत्ता दी जाती है क्योंकि यह हमें शिव की अनंत कृपा और शक्ति के प्रति आदर्श और भक्ति की शिक्षा देता है।

महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर, हम सभी को शिव और पार्वती की शक्ति और प्रेम के साथ जुड़ने का अवसर मिलता है। इस शुभ दिन पर, हम सभी को उनकी कृपा को प्राप्त करने के लिए ध्यान, प्रार्थना और सेवा में लगने का आग्रह किया जाता है। इस सुंदर त्योहार को ध्यान में रखते हुए, हम सभी को आत्मिक शांति, समृद्धि और समृद्धि की कामना करते हैं।

Mahashivratri शुभ मुहूर्त

महाशिवरात्रि के शुभ मुहूर्तों का समय आज रात से है। इस पवित्र दिन को सामग्री और भक्ति से भरी पूजा और अराधना करने का अद्भुत अवसर है। जानिए कौन-कौन से समय पर पूजन का मुहूर्त है:

  • निशिता काल: आज रात 12 बजकर 05 मिनट से लेकर कल रात 12 बजकर 56 मिनट तक। इस समय में पूजन करने से अत्यंत शुभ फल प्राप्त होता है।
  • रात्रि प्रथम पहर: आज शाम 6 बजकर 25 मिनट से शुरू होकर रात 9 बजकर 28 मिनट तक है। यह समय भगवान शिव की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए अत्यंत उपयुक्त है।
  • रात्रि दूसरा पहर: आज रात 9 बजकर 28 मिनट से शुरू होकर कल रात 12 बजकर 31 मिनट तक है। इस समय में भगवान शिव की उपासना करने से मनोवांछित फल प्राप्त होता है।
  • रात्रि तीसरे पहर: कल रात 12 बजकर 31 मिनट से शुरू होकर सुबह 3 बजकर 34 मिनट तक है। इस समय में पूजन करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
  • रात्रि चौथा पहर: कल सुबह 3 बजकर 34 मिनट से लेकर सुबह 6 बजकर 37 मिनट तक है। इस समय में भगवान शिव की अनुग्रह प्राप्ति होती है।

महाशिवरात्रि के इन पावन मुहूर्तों में भगवान शिव का ध्यान करते हुए आत्मसाक्षात्कार और शांति का अनुभव करें। इस पवित्र दिन पर आपके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का संचार हो।

Mahashivratri शुभ संयोग

महाशिवरात्रि का यह साल एक विशेष संयोग लेकर आ रहा है। चंद्र और मंगल का मिलन मकर राशि में होगा, जिसे हम लक्ष्मी नामक योग के रूप में जानते हैं। यह संयोग वित्तीय समस्याओं को हल करने का एक अद्भुत मौका प्रदान कर रहा है। चंद्र और गुरु की मजबूत स्थिति भी हमें आशा देती है कि शिवरात्रि के इस खास पर्व पर रोजगार की समस्याएं भी दूर हो सकती हैं।

आज जब हम सोमवार के दिन महादेव का व्रत रखते हैं, तो हमें यहां यह अनुभव होता है कि महादेव हमेशा हमारे साथ हैं, हमारी सुरक्षा में हैं और हमें संजीवनी शक्ति प्रदान करते हैं। इस शिवरात्रि के पावन अवसर पर हम शिवजी के दरबार में उनकी कृपा और आशीर्वाद का अनुभव कर सकते हैं। इस दिन को अपने प्रियजनों और परिवार के साथ दोस्ती का मौका हमें बहुत ही प्रेरित करता है। मनाए जाने वाले त्योहार पर हम सभी को ध्यान देना चाहिए, दृढ़ संकल्प लेना चाहिए कि हम हमेशा सत्य, न्याय और प्रेम के मार्ग पर चलेंगे। शिव हम सभी को शक्ति और भगवान साहस प्रदान करें। ॐ नमः शिवाय।

“Premanand Ji Maharaj: डूबे दुख की गहराई में, कैसे परिजन निकले बाहर? 6 साल के बच्चे के गम से भरी कहानी”

Mahashivratri

Mahashivratri पूजन विधि

महाशिवरात्रि के पावन दिन, सूर्योदय से पहले जागकर नित्य के साथ स्नान करें। इस पवित्र दिन को भगवान शिव के आगे व्रत और पूजन का संकल्प लें। संकल्प के समय पर शिव और पार्वती माँ का आशीर्वाद मांगें, ताकि उपवास की सफलता हो।

पूजन की शुरुआत करने से पहले, आवश्यक सामग्री जैसे रोली, सिन्दूर, चावल, फूल, धूपबत्ती, सात धान के अनाज, बेलपत्र, आंकड़े के फूल और धतूरे के फूल आदि को एकत्रित करें। इसके बाद, गाय के घी, दही, दूध और मेवा से पंचामृत तैयार करें। फिर मंदिर में जाकर भगवान शिव को पंचामृत से स्नान कराएं।

उसके बाद, केसर डालकर जल चढ़ाएं और अखंड ज्योति जलाएं। इसके बाद, “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का 108 बार जाप करें। इस पवित्र रात्रि में भगवान शिव की आराधना करते समय अपने मन में भक्ति और श्रद्धा के साथ उनका स्मरण करें, और उनसे अपनी मनोकामनाएं मांगें। इस साधना के द्वारा हम उनके आत्मा में एकता की अनुभूति करते हैं और उनके आशीर्वाद से अपने जीवन को प्रकाशमय बनाते हैं।

इस पवित्र दिन को ध्यान, पूजन और भक्ति के साथ बिताएं, और भगवान शिव के आशीर्वाद को प्राप्त करें। उनकी कृपा से हमें जीवन में स्थिरता, शांति और सफलता प्राप्त हो।

Mahashivratri के दिन भगवान शिव को क्या चढ़ाएं 

महाशिवरात्रि के दिन, हम भगवान शिव को बहुत ही विशेष रूप से भगाते हैं। इस दिन, जब हम भगवान शिव को अपना समर्पण करते हैं, तो हम उन्हें प्रिय होने वाली सामग्रियाँ चढ़ाते हैं।

प्रार्थना के समय, हम शिवलिंग पर तीन पत्तों वाला बेलपत्र चढ़ाते हैं, जो हमारी श्रद्धा का प्रतीक है। फिर, हम उन्हें भांग का प्रसाद देते हैं, जो उनका प्रिय पसंदीदा है। हम भांग को गर्म दूध में मिलाकर उन्हें अर्पित करते हैं। इसके बाद, हम धतूरा और गन्ने का रस भी उन्हें समर्पित करते हैं, जो हमारे जीवन में सुख और शांति लाते हैं। अंत में, हम उन्हें गंगा जल का अर्पण करते हैं, जो हमारे मन की अशांति को दूर करता है।

इस पवित्र दिन पर, हम सभी अपनी भक्ति और प्रेम के साथ भगवान शिव के चरणों में अपने मन को समर्पित करते हैं। और उनकी कृपा से हमें आनंद और शांति मिलती है। ओम् नमः शिवाय।

Mahashivratri के दिन करें ये खास उपाय 

Mahashivratri के इस पवित्र दिन पर, हमें भगवान शिव के आशीर्वाद में रंगने का अवसर मिलता है। यह एक ऐसा मौका है जब हम अपनी चिंताओं और इच्छाओं को भगवान के सामने रखकर उनसे क्षमा, समर्पण, और आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। इस महान दिन पर, कुछ साधारण उपायों के माध्यम से हम अपने जीवन में खुशियों का सागर ला सकते हैं:

1. नौकरी में समस्याओं का समाधान:
अगर आपकी नौकरी में कोई परेशानी है, तो आप महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव का व्रत रख सकते हैं। शिवलिंग पर जल मिलाकर, शहद और अनार का फूल चढ़ाकर उनसे प्रार्थना करें। भगवान शिव आपकी मनोकामनाएं जरूर सुनेंगे।

2. आर्थिक उन्नति के लिए:
यदि आप आर्थिक स्थिति में सुधार चाहते हैं, तो चांदी के लोटे में जल लेकर शिवलिंग का अभिषेक करें। अभिषेक करते समय “ऊं नमः शिवाय” या “ऊं पार्वतीपतये नमः” का 108 बार जाप करें। इससे आपके जीवन में आर्थिक समृद्धि का संचार होगा।

3. धन की वृद्धि के लिए:
धन वृद्धि के लिए आप महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर गन्ने का रस चढ़ा सकते हैं। साथ ही शहद और घी से शिवलिंग का अभिषेक करें। इससे आपके घर में लक्ष्मी की कृपा और समृद्धि आएगी।

इन साधारण उपायों को अपनाकर, हम महाशिवरात्रि के इस पावन अवसर पर अपने जीवन को सजीव, संपन्न, और धन्य बना सकते हैं। भगवान शिव की कृपा आपके साथ हमेशा बनी रहे।

Mahashivratri की कथा 

एक समय की बात है, जब एक निषादराज अपने प्यारे कुत्ते के साथ जंगल में शिकार के लिए निकले। धूप, ताप, और थकान के बाद भी उन्हें कोई शिकार नहीं मिला। उनकी भूख-प्यास भी बहुत बढ़ गई थी।

उन्होंने अंत में एक तालाब के किनारे, जहां एक बिल्व वृक्ष था, विश्राम के लिए बैठ गए। उस वृक्ष के नीचे एक शिवलिंग था। निषादराज ने शिवलिंग को पूजनीय मानते हुए बिल्व-पत्र तोड़े और उसे अर्पित किया। उन्होंने अपने प्यारे कुत्ते के साथ शिवलिंग की पूजा की।

जब वह तालाब के पानी की कुछ बूंदें लिंग पर गिरीं, तो वह अत्यंत प्रसन्न हुए। इस प्रकार, उन्होंने अपनी संवेदनाओं के साथ महाशिवरात्रि का त्योहार मनाया।

इस कथा से हमें यह सिखने को मिलता है कि भगवान की भक्ति में आत्मा की शुद्धि होती है, और भगवान हमारे प्रति अत्यंत दयालु होते हैं। Mahashivratri के इस पावन अवसर पर, हमें भगवान शिव की पूजा और ध्यान करने से हमारी आत्मिक ऊर्जा में वृद्धि होती है और हमारा मानवीय जीवन समृद्धि से भर जाता है।

Oneplus का खेल ख़तम करने के लिए चुका हैं Realme का धाकड़ फ़ोन, और वो भी 5500mAh की दमदार बैटरी और बढ़िया प्रोसेसर के साथ।

Share This Article
Leave a comment