Vijay Diwas 2023: भारत आज बहुत ताकतवर है, जिससे कोई भी दुश्मन हमें चुनौती देने से पहले बार-बार सोचेगा। पहले लोग आजादी के बाद भारत को कमजोर देश मानते थे, लेकिन हमने मेहनत से अपने आप को बढ़ाते हुए दुनिया को दिखाया कि हम एक मजबूत राष्ट्र हैं। जब भी कोई हमें आंध्रभर संदेश देता है, हमने उसे मुंहतोड़ जवाब दिया है।
चाहे वह अरुणाचल के तवांग सेक्टर के यांग्त्से में LAC पर चीनी सैनिकों का अतिक्रमण हो या फिर पाकिस्तान द्वारा सीजफायर का उल्लंघन आदि. इस लिहाज से आज (16 दिसंबर) का दिन पूरे देश के लिए बेहद खास है, क्योंकि इस दिन विजय दिवस मनाया जाता है. पर क्या आप जानते हैं कि इस दिन को क्यों मनाया जाता है? इसके पीछे क्या वजह है? शायद नहीं, तो आइये जानते हैं।
Vijay Diwas 2023: ये है कारण
विजय दिवस का मतलब है जीत का दिन। यह भारतीय सेना के शौर्य और साहस को याद करने का एक महत्वपूर्ण दिन है। इस दिन, भारतीय सेना ने 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध में एक महत्वपूर्ण जीत हासिल की थी।
इस युद्ध में, भारतीय सेना ने पूरी कड़ी से कार्रवाई की और पाकिस्तान को हराया गया। इसका परिणाम स्वतंत्रता प्राप्त करने की दिशा में महत्वपूर्ण था और बांग्लादेश का नामकरण हुआ। इसलिए, विजय दिवस भारत में इस जीत की याद में मनाया जाता है।
इस युद्ध में, 93 हजार से ज्यादा पाकिस्तानी सैनिक आत्मसमर्पण कर चुके थे। उसके बाद, पूर्वी पाकिस्तान ने स्वतंत्रता प्राप्त की, और इसे आजकल बांग्लादेश कहा जाता है।
16 दिसंबर को खास बनाने का कारण है कि इसी दिन जनरल नियाजी ने आत्मसमर्पण के कागजों पर हस्ताक्षर किए थे।
इस दिन को राष्ट्रीय ऊर्जा और गर्व के साथ मनाया जाता है, और समारोह और सेना की श्रद्धांजलि आयोजित की जाती है। भारतीय लोग इस दिन को देशभक्ति और शौर्य की भावना के साथ गुजारते हैं।
Vijay Diwas 2023: जब रो पड़े थे पाकिस्तानी कमांडर
वहीं, जब नियाजी ने अपने आत्मसमर्पण के दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर किए, तो उन्होंने अपनी रिवॉल्वर को जनरल अरोड़ा की तरफ इशारा किया। नियाजी की आँखों में आंसू थे। इस दिन को पाकिस्तान के लिए अच्छा नहीं माना जा सकता था, लेकिन भारतीय सैनिकों ने साबित किया कि वे हमेशा दुश्मन का जवाब देने के लिए तैयार हैं।