RBI MPC Results: रिजर्व बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की मीटिंग के नतीजों का ऐलान हो गया है। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बैठक में लिए गए फैसलों के बारे में बताया कि इस बार भी रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है, अर्थात इन दरों को 6.5 फीसदी पर स्थिर रखा गया है। इसका मतलब है कि आपकी ईएमआई में कोई बदलाव नहीं होने वाला है। बैठक में मौजूद 6 में से पांच सदस्य रेपो रेट को यथावत रखने के पक्ष में थे।
RBI MPC Results: फरवरी 2023 से यथावत है Repo Rate
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने रेपो रेट में आखिरी बार बीते साल 8 फरवरी, 2023 को इजाफा किया था। उस समय आरबीआई ने इसे 25 बेसिस प्वाइंट या 0.25 फीसदी बढ़ाकर 6.5 फीसदी कर दिया था। तब से लगातार छह MPC बैठक में इन दरों को यथावत रखा गया है और इस बार भी पहले से ही इसमें कोई बदलाव नहीं होने की उम्मीद जताई जा रही थी। Repo Rate के साथ ही रिजर्व बैंक ने रिवर्स रेपो रेट 3.35% पर स्थिर रखा है। MSF रेट और बैंक रेट 6.75% पर बरकरार है। जबकि, SDF रेट 6.25% पर स्थिर है।
RBI MPC Results: GDP ग्रोथ 7% रहने का अनुमान
रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिदांस कांत ने आज एक बड़ा फैसला लिया है। उन्होंने रेपो रेट को स्थिर रखने का ऐलान किया है, इसका मतलब है कि बैंकों को उचित रेट पर ऋण उपलब्ध होगा। साथ ही, उन्होंने महंगाई को लेकर भी बात की है। उन्होंने कहा कि भोजन-पीने की वस्तुओं की कीमतों पर ध्यान दिया जाएगा, जो कि मोनेटरी पॉलिसी कमेटी की नजर में है। महंगाई में कुछ कमी दिख रही है। इसी के साथ, एमपीसी बैठक में महंगाई का लक्ष्य 4 फीसदी पर कायम रखा गया है। उन्होंने भी GDP ग्रोथ को लेकर बात की है। उनके अनुसार, भारत की रियल जीडीपी ग्रोथ का अनुमान FY24 में 7 फीसदी के ऊपर है। इससे पहले के अनुमान के मुकाबले, रिज़र्व बैंक ने इसे 7.3 फीसदी पर रखा था। उन्होंने भी बताया कि ग्रामीण सेक्टर में मांग में मजबूती दिख रही है।
FY25 के लिए रिटेल महंगाई दर का अनुमान 4.5% है. जबकि FY24 के लिए रिटेल महंगाई का अनुमान 5.4% पर बरकरार रखा गया है. इसके अलावा आरबीआई ने फाइनेंशियल ईयर 2025 की पहली तिमाही के लिए GDP ग्रोथ के अनुमान को 6.7 से बढ़ाकर 7.2% कर दिया है. जबकि दूसरी तिमाही में GDP अनुमान 6.5% से बढ़ाकर 6.8% किया गया है. तीसरी तिमाही में 6.4% से बढ़ाकर 7% और चौथी तिमाही में 6.9% रखा गया है.
दूसरी, तीसरी, और चौथी तिमाहियों में भी ग्रोथ के अनुमानों में इजाफा किया गया है, जो एक प्रोमिसिंग संकेत है। हालांकि, हमें इसका अध्ययन करना होगा कि यह वृद्धि कैसे सभी के लिए समर्थनीय हो सकती है।
इस समय में, हमें नीतियों और कदमों की जरूरत है जो महंगाई को नियंत्रित कर सकें और आम लोगों को अधिक सुरक्षित बना सकें। इसके साथ ही, हमें सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए निवेश के साथ-साथ और बचत और समृद्धि के लिए नीतियों का विकास करने की आवश्यकता है।
RBI MPC Results: EMI पर ऐसे असर डालता है रेपो रेट
बिजनेस और अर्थव्यवस्था के राजनीतिक दफ़्तरों का एक बहुत महत्वपूर्ण और गहरा संबंध है, जिसे हम “रेपो रेट” के नाम से जानते हैं। यह रेट वास्तव में एक शक्तिशाली उपकरण है जो महंगाई से लड़ने में मदद करता है। इसे आरबीआई स्थिति के अनुसार समय-समय पर उचित रूप से इस्तेमाल किया जाता है।
जब महंगाई अधिक होती है, तब आरबीआई इकोनॉमी में मनी फ्लो को कम करने का प्रयास करता है, और इसका एक साधारण तरीका है रेपो रेट को बढ़ाना। आमतौर पर, यह बढ़ोतरी 0.50 प्रतिशत या उससे कम होती है।
हालांकि, जब अर्थव्यवस्था मुश्किल दौर से गुजरती है, तो मनी फ्लो को बढ़ाने की आवश्यकता होती है और इसलिए RBI रेपो रेट को कम कर देता है। इस दौरान, रेपो रेट को कुछ समय तक स्थिर रखा जाता है। इस रूप में, रेपो रेट एक संतुलित अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है, जो समृद्धि और सामर्थ्य की दिशा में हमारी मदद करता है।
RBI MPC Results: देश की अर्थव्यवस्था मजबूत
शक्तिकांत दास ने कहा कि पिछले साल से भारतीय मुद्रा में स्थिरता है और यह स्थिति आगे भी बनी रहेगी। उन्होंने बताया कि हमें सप्लाई चेन की नई टक्करों से सतर्क रहना चाहिए। इस साल हेडलाइन महंगाई में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है और अब तक हमारा 4% का लक्ष्य पूरा नहीं हुआ है। हालांकि, वैश्विक स्तर पर, हालात अनिश्चित हैं, लेकिन देश की अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है। उन्होंने कहा कि देश की आर्थिक वृद्धि तेजी से हो रही है और यह ज्यादातर आदिवासियों से आगे है।