Main Atal Hoon Review: “इस किरदार के लिए पंकज त्रिपाठी को करना पड़ा था मुश्किलो का सामना, देखिए अटल बिहारी की इमोशनल भरी नई कहानी!

Kamaljeet Singh

Main Atal Hoon Review: जीवनी किसी की भी हो, वह दूसरों को आकर्षित करती है क्योंकि उसमें दो बड़े कारण होते हैं। पहला कारण व्यक्ति की अच्छी आदतें और दूसरा कारण वह चीजें जो हम उसके बारे में जीते जी ज्यादा नहीं जान सकते हैं। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को बहुत लोगों ने पसंद किया है। उन्हें प्रधानमंत्री बनते देखना एक बड़ी खुशी की बात थी जो हमें दिखाई नहीं दे सकती। एक वोट से जब उनकी सरकार गिरी, तो दूरदर्शन की टीआरपी में नया रिकॉर्ड बना था। वाजपेयी ने बहुत उत्साह से कहा, ‘मैं जा रहा हूं राष्ट्रपति को अपना इस्तीफा सौंपने…!’ वह क्षण उनके प्रशंसकों और विरोधियों के दिल में बहुत गहराई से बैठ गया। इस छवि में आपको अब पंकज त्रिपाठी को देखने को मिलेगा। ‘ओएमजी 2’ वाले पंकज त्रिपाठी। वह पंकज त्रिपाठी जो अपने भीतर के कलाकार के नवोन्मेष के लिए मेहनत करने के लिए तैयार हैं, जोखिम लेने के लिए भी तैयार हैं।

Main Atal Hoon Review: अटला के अटल बिहारी वाजपेयी बनने की कहानी

“Main Atal Hoon” फिल्म बहुत छोटी है, सिर्फ 2 घंटे 20 मिनट की। निर्देशक रवि जाधव को इसमें एक चुनौती थी – उन्हें वाजपेयी के जीवन के कौन-कौन से हास्यास्पद पलों को शामिल करना था और कौन से नहीं? कहानी वहां से शुरू होती है जब अटल को घरवाले ‘अटला’ कहकर बुलाते हैं। पिताजी उनसे बात करने की कला सिखाते हैं, आंखों में आंखें डालकर। फिर साथ में कानपुर तक पढ़ाई के लिए निकलते हैं। यहां वाजपेयी का देशप्रेम पूरी तरह से परिलक्षित होता है। पिता की आज्ञा के साथ, वह देशसेवा के लिए निकलते हैं। इंदिरा की इमरजेंसी में, वे राजनीतिक भंवरों को पार करते हैं और आखिरकार देश के प्रधानमंत्री बनते हैं। भाजपा के मुंबई अधिवेशन में, बिना उनसे पूछे, आडवाणी जब वाजपेयी को प्रधानमंत्री पद का चेहरा घोषित करते हैं, तो फिल्म भावुक हो जाती है। फिल्म में एक और भावुक किस्सा है – वाजपेयी और राजकुमारी की प्रेम कहानी। यदि इस विषय पर एक अलग फिल्म बनाई जाए, तो यह नई पीढ़ी के लिए एक अनोखी प्रेम कहानी बन सकती है।

Main Atal Hoon

Main Atal Hoon Review: वाजपेयी का स्तुति गान नहीं

अटल बिहारी वाजपेयी की जीवनी फिल्म ‘Main Atal Hoon’ ने दिखाई है, जो दिल को छू लेने वाली कहानियों से भरी हुई है। फिल्म के निर्देशक रवि जाधव और प्रमुख अभिनेता पंकज त्रिपाठी ने इसमें अपनी मेहनत और शानदार प्रस्तुति के जरिए एक तटस्थ फिल्म बनाई है। फिल्म का कथानक वाजपेयी जी के प्रधानमंत्री काल से लेकर कारगिल युद्ध और परमाणु परीक्षण तक का सफलता पूर्वक दर्शाता है। इसके जरिए हमें उनके अनभूत दृश्यों का अद्वितीय अनुभव होता है। फिल्म ने विपक्ष को भी खासी जबरदस्ती से और मजेदार अंदाज में पेश किया है, जिससे दर्शकों को हंसी भी आती है। विनोद भानुशाली ने इस बायोपिक को सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए उपयुक्त निर्देशन और अद्वितीय संवादों के साथ समृद्धि की है।

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Main Atal Hoon Review: पंकज त्रिपाठी का अभिनय निखरता है

फिल्म ‘Main Atal Hoon’ में पंकज त्रिपल ने एक बहुत अच्छा किरदार निभाया है, जिसे लोगों ने बहुत पसंद किया है। वे हाव-भाव, हस्तमुद्राएं और आंखों की तरह एक खास अंदाज में अनोखेता रखते हैं। पंकज ने किरदार को बहुत खूबसूरती से निभाया है, लेकिन वह किरदार निभाने की कोशिश नहीं कर पाईं। उन्हें देखने से ऐसा लगता है कि वह खुद ही पंकज त्रिपाठी बन गए हैं। उनका प्रदर्शन सबसे अनोखा है, और एक बार के किरदार की लय के बाद वे पूरी फिल्म में फिर से दिखाई नहीं दिए। कॉलेज के दिनों के दृश्यों में, पंकज ने पूरी फिल्म की तस्वीर बहुत ही आकर्षकता से प्रस्तुत की है। उनकी अदा से भरा हुआ प्रेम पत्र मिस्टर प्रिंसेस के किरदार को और भी रोमांटिक बना देता है। ‘मैं अटल हूं’ में पंकज त्रिपल ने एक और नाटकीय किरदार निभाया है, जो हिंदी व्याकरण के ज्ञाता को सिखाता है। बिहार की पृष्ठभूमि के कारण, उनके संवादों को बनाने में समय-समय पर कठिनाई हो सकती है, लेकिन उनकी मेहनत और स्थिरता से वे इसे सहज खेल रहे हैं।

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Main Atal Hoon Review: रवि जाधव का संतुलित निर्देशन

पंकज त्रिपाठी ने इस किरदार में काम करने का मौका दिलाने के लिए निर्देशक रवि जाधव को मिला है। रवि ने मराठी सिनेमा में अच्छा काम किया है। उन्होंने एक राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीतने के बाद अपनी क्षमताओं को दिखाने का प्रयास किया है। पीयूष मिश्रा ने वाजपेयी के पिता के किरदार में ठीक से फिट नहीं होने के बावजूद उनसे अच्छा अभिनय करवाया है। इससे रवि की कला की पहली प्रमाणिकता सामने आती है। फिल्म में डोरी वाली ढोलक की बजाय नट बोल्ट वाली ढोलक का इस्तेमाल हुआ है। फिल्म के प्रोडक्शन डिजाइन विभाग की कमजोरियों के बावजूद, सिनेमैटोग्राफर लॉरेंस डिकुन्हा ने अपना काम बेहतरीन तरीके से किया है। बारिश में अटल जो अपना छाता राजकुमारी को देता है और खुद भी भीगता है, ऐसा दृश्य उन्होंने बहुत अच्छे तरीके से रचा है। फिल्म का संगीत अलग-अलग गीतकारों और संगीतकारों ने बनाया है, लेकिन इसमें से सबसे बेहतरीन गीत ‘अनकहा’ है।

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Main Atal Hoon Review: राजकुमारी बनकर दमकीं एकता कौल

फिल्म में, साथी कलाकारों की एक लंबी सूची है। इसकी कास्टिंग डायरेक्टर ने किरदारों के हिसाब से कलाकारों की मेहनत से बहुत ध्यान से चयन किया है। आडवाणी और सुषमा स्वराज के किरदारों को निभाने वाले कलाकारों का चयन, जैसे ही होता है, उन्हें पहचान मिलती है। लेकिन, एकता कौल का चयन, जो पंकज त्रिपाठी के साथ है, बहुत ही सटीक रहा है। अटल की पहली और अंतिम प्रेमिका राजकुमारी के किरदार में एकता ने उम्मीदों से अनोखीता प्रदर्शित की है। उनके दर्शकों के लिए एक सरप्राइज है और फिल्म के अंत में, पंकज ट्रिपल के अलावा सबसे यादगार है।

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