“IIT Suicide Case: पिता का दर्द, बिटिया ने खोया जीवन, पहले ही दिन की आखिरी बातें कहीं थीं”

Kamaljeet Singh

IIT Suicide Case: कानपुर में हुए एक दुखद घटना में, आईआईटी की पीएचडी छात्रा प्रियंका जायसवाल को हॉस्टल के कमरे में फंदा लगाकर जान देने का मामूला और दुखद इंसिडेंट सामने आया है। पहले तक, प्रियंका बिल्कुल ठीक-ठाक थीं और उन्होंने बुधवार रात को अपने माता-पिता से बात की थी। पिता ने फोन पर बताया कि उन्होंने मां से कहा था कि सुबह सात बजे तक उठा देना, क्योंकि नाश्ता करने में देर हो जाती है। यह सार्थक बातचीत उनके आखिरी वक्त की बात हो गई थी, जो हम सभी को दुखी कर रही है। इस दुखद समय में हम उनके परिवार के साथीदारों के साथ हैं और उन्हें साहस देते हैं।

सुबह, जब उन्होंने फोन किया, तो उनकी बेटी ने कॉल ही नहीं उठाई। फिर इसकी सूचना आईआईटी प्रशासन को दी गई, और उन्हें बताया गया कि उनकी बेटी ने खुदकुशी कर ली है। प्रियंका की आत्महत्या से सहपाठी भी सदमे में हैं। साथी छात्र-छात्राएं कह रहे हैं कि उसने 29 दिसंबर को ही प्रवेश लिया था। इसलिए, उस समय उसे किसी प्रकार का पढ़ाई का दबाव नहीं था।

पुलिस के अनुसार, प्रियंका दो बहनों में से बड़ी थीं। उन्होंने मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नालॉजी से एमटेक किया था। उन्हें गेट में अच्छी रैंकिंग मिलने पर कानपुर आईआईटी में दाखिला मिला था। वह बहुत पढ़ाई में बहुत होशियार थीं। उनके साथी छात्रों ने बताया कि वह जल्दी दाखिला लेने की वजह से अन्य छात्रों के साथ मिलकर नहीं रह पाई थीं। यह नहीं कह सकते कि वह उदास थीं या नहीं।

IIT Suicide Case

IIT Suicide Case: फंदे से लटक रहा था शव, गिरी पड़ी थी मेज

एसीपी ने बताया कि जब दरवाजा तोड़ा गया, तब पुलिस टीम ने कमरे में प्रवेश किया और वहां पहुंचते ही उन्हें दुखद दृश्य का सामना करना पड़ा। प्रियंका का शव एक फंदे से लटका हुआ था और मेज भी गिरी हुई थी। जब टीम ने कमरे की जाँच की, तो पता चला कि प्रियंका ने फंदे से लटकने के लिए टेबल का सहारा लिया था। कमरे में बेड के अलावा, वहां एक टेबल, रजाई-गद्दा, एक बैग, और कुछ कॉपी-किताबें रखी गई थीं। फोरेंसिक टीम ने पूरे कमरे की जाँच की, लेकिन कोई सुसाइड नोट नहीं मिली।

IIT Suicide Case: ऑनलाइन मंगाई थीं दो रस्सियां.

प्रियंका ने ऑनलाइन विपणी कंपनी से दो साड़ियाँ मंगवाई थीं। यह अब तक स्पष्ट नहीं हुआ है कि ये साड़ियाँ किस कारण से मंगवाई गईं थीं, क्या किसी काम के लिए या फिर आत्महत्या के लिए। इंस्पेक्टर धनंजय पांडेय ने बताया कि छात्रा के पिता से आत्महत्या के कारण की जानकारी प्राप्त करने का प्रयास किया गया, लेकिन उनसे कुछ नहीं मिला। शुक्रवार को, परिजनों के आने के बाद, इस मामले पर चर्चा की जाएगी।

IIT Suicide Case: काउंसलिंग सेशन में छात्रा ने नहीं किया किसी परेशानी का जिक्र

प्रियंका ने अपनी कक्षा चार की पढ़ाई तीन जनवरी को शुरू की थी। पढ़ाई की शुरुआत से पहले ही एक सहायक सत्र आयोजित किया गया था, जिसमें छात्रों को स्कूल और नई कक्षा के बारे में बताया गया। इसमें मोटिवेशनल स्पीच भी थी, जिसमें छात्रों को और स्कूल के बारे में जानकारी दी गई। इस दौरान, छात्रा ने अपनी परेशानियों को काउंसलर से साझा नहीं किया। पढ़ाई में तनाव हो सकता है, लेकिन इस नए अवसर के शुरूआती चरण में यह इतना कठिन नहीं होता है। पीएचडी में प्रवेश प्राप्त करने के बाद, छात्रों को डेढ़ से दो साल का कोर्स करना होता है, जिसके बाद गाइडेंस मिलती है। छात्रों ने बताया कि पढ़ाई में तनाव हो सकता है, लेकिन शुरूआती दिनों में यह इतना कठिन नहीं होता।

IIT Suicide Case: इतने बड़े मामलों में भी मीडिया पर रोक क्यों?

आईआईटी में एक महीने में तीसरी आत्महत्या हो गई है। पुलिस और प्रशासन वाले मौके पर पहुंचे, लेकिन मीडिया को अंदर नहीं जाने दिया जा रहा है। पहले भी इसी तरह के मामलों में मीडिया को पहुंचने की अनुमति नहीं थी। यह समझना मुश्किल है कि ऐसा क्यों हो रहा है। आईआईटी के अधिकारी भी इस पर बोलने से बच रहे हैं। किसी ने क्लास में होने की बात की हो तो किसी ने चुप्पी साध ली।

IIT Suicide Case: क्या अवसाद में थी या कोई दबाव

पुलिस के अनुसार प्रियंका दो बहनों में बड़ी थी। प्रियंका ने तमिलनाडु आईआईटी से एमटेक किया था। उसकी गेट में अच्छी रैंकिंग के बाद कानपुर आईआईटी में दाखिला मिला था। यह बताता है कि प्रियंका बहुत अच्छी पढ़ाई करती थी। सहपाठियों के अनुसार, हाल ही में प्रियंका ने नए कक्षा में एडमिशन लिया था। वह अपने साथी छात्रों के साथ ठीक से मिली नहीं थी। उनके बारे में यह नहीं कहा जा सकता कि वह उदास थी या नहीं। कक्षा की शुरुआत होते ही उसके साथी छात्रों ने बताया कि उसने हाल ही में एडमिशन लिया है। वह किसी के साथ मिली नहीं थी और उसका कोई दोस्त भी नहीं बना। ऐसा नहीं कह सकते कि पढ़ाई की वजह से उसपर दबाव है, क्योंकि कक्षा अभी शुरू हुआ है और पढ़ाई का दबाव नहीं हो सकता।

IIT Suicide Case: साफ सुथरा था कमरा

एसीपी ने बताया कि जब पुलिस दरवाजा तोड़कर कमरे में गई, वहां प्रियंका का शव फंदे से लटका हुआ मिला। जब पुलिस टीम अंदर गई, तो उन्होंने देखा कि प्रियंका टेबल के सहारे से फंदे से लटका हुआ था। वहीं टेबल बेड के नीचे गिरी हुई थी। स्पष्ट है कि प्रियंका ने फंदे से लटकने के लिए टेबल का सहारा लिया था। कमरे में बेड के अलावा एक टेबल, रजाई, एक बैग, और कुछ कॉपी किताबें ही थीं। फोरेंसिक टीम ने पूरे कमरे की जांच की, लेकिन कोई सुसाइड नोट नहीं मिली।

आईआईटी प्रशासन में कहीं न कहीं गड़बड़ी होने की वजह से एक बड़ा हादसा हो गया है। ऐसा भविष्य में न हो, इसके लिए हमें आईआईटी में सुधार करना होगा। यहां कुछ कमीयाँ हैं जिन्हें दूर करने की  बहुत जरुरत है, ताकि ऐसा हादसा फिर से ना हो।

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