Gyanvapi Mosque: ज्ञानवापी मस्जिद के चर्चित मुद्दे में आई रिपोर्ट ने एक नए पहलू को सामने लाया है। इस रिपोर्ट के अनुसार, उस स्थान पर सनातन धर्म से जुड़े प्रतीक चिन्ह और नागर शैली में स्तंभ मिले हैं, जो मंदिर की सूचना देते हैं। इससे हिन्दू समुदाय ने अपने दावे को मजबूती से साबित किया है। हालांकि, इस रिपोर्ट को लेकर समाजवादी पार्टी के सांसद डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क ने इसे झूठा बताया है और उन्होंने अपनी यकीन वाली बातें साझा की हैं।
“यूपी के संभल से आने वाले सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क हो रहे हैं सुर्खियों का केंद्र. वे मुस्लिम मुद्दों पर खुलकर अपने विचार रखते हैं और इन दिनों उनकी तबियत ठीक नहीं होने के कारण गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती हैं. जब उनसे उनकी ज्ञानवापी रिपोर्ट पर पूछा गया, तो उन्होंने सरल हिंदी में कहा – ‘मैं सदैव अपने लोगों के साथ हूं और मेरा ध्यान हमेशा उनके मुद्दों पर होता है। मेरे स्वास्थ्य की परेशानी के बावजूद, मैं आगे भी सेवा के लिए समर्पित रहूंगा।’ इस संवेदनशील उत्तर ने उनकी नेतृत्व क्षमता को और भी मजबूती दी है।”
Gyanvapi Mosque: सपा सांसद ने रिपोर्ट के बताया झूठा
सपा सांसद ने ग्यारहवीं सदी की एक मस्जिद पर आये ASI सर्वे को झूठा बताया है और उसे खारिज करने का आरोप लगाते हुए कहा है, ‘मैं ज्ञानवापी मस्जिद के खिलाफ आए ASI सर्वे की झूठी रिपोर्ट को खारिज करता हूं. सर्वे की रिपोर्ट पर यकीन नहीं किया जा सकता.’ उनका यह बयान सोशल मीडिया पर हल्के शब्दों में हुआ है।
डॉ. शफीकुर्रहमान ने पहले ही राम मंदिर के उद्घाटन पर अपने विचार साझा किए थे. उन्होंने कहा था कि उनकी मस्जिद को छीना गया है, लेकिन उनका मानना है कि जब रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी, तो उन्हें आशीर्वाद मिलेगा. उन्होंने कहा कि उस दिन वह अल्लाह से दुआ करेंगे और बाबरी मस्जिद की वापसी के लिए नमाज पढ़ेंगे.
शिवपाल सिंह, सपा नेता, ने शफीकुर्रहमान के अलावा ज्ञानवापी रिपोर्ट पर अपनी राय दी है। उन्होंने कहा है कि कोर्ट के आदेश का सभी को पालन करना चाहिए, और अब हमें कोर्ट का आदेश आने का इंतजार करना चाहिए। ज्ञानवापी सर्वे की रिपोर्ट में स्थल पर मंदिर के सबूत मिले हैं, जिसमें हिन्दू धर्म से जुड़े प्रतीक चिन्ह और देवी-देवताओं की मूर्तियां भी शामिल हैं।
Gyanvapi Mosque: हिंदू पक्ष ने क्या दावे किए हैं?
वकील विष्णु शंकर जैन ने ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे की रिपोर्ट को लेकर कई दावे किए हैं। उन्होंने गुरुवार को बताया कि एएसआई की सर्वे रिपोर्ट में स्पष्टता से दिखता है कि ज्ञानवापी में पहले हिंदू मंदिर था। उन्होंने जिला जज के नकल विभाग कार्यालय से रिपोर्ट को प्राप्त किया है, जिसमें कुल 839 पन्ने शामिल हैं। इससे ज्ञानवापी मस्जिद के इतिहास में नए पहलुओं की ओर बढ़त का सुझाव आ रहा है।
कोर्ट के आदेश के बाद, ASI ने ज्ञानवापी परिसर का सर्वे किया था. 18 दिसंबर को वह अपनी रिपोर्ट को जिला जज के सामने प्रस्तुत कर दी थी. इसके बाद हिंदू पक्ष ने मांग की कि सर्वे रिपोर्ट की कॉपी दोनों पक्षों को मिलनी चाहिए. उसके बाद, जिला कोर्ट ने बुधवार, 24 जनवरी 2024 को सभी पक्षों को सर्वे रिपोर्ट की कॉपी सौंपने का आदेश दिया.