Bharat Bandh: व्यापारियों की ज़िन्दगी में नहीं हुआ कोई असर, दुकानें खुली रहीं, दिल्ली में जाम बना रहा

Kamaljeet Singh

Bharat Bandh: किसानों ने आज 16 फरवरी को भारत बंद का ऐलान किया था, लेकिन दुःख की बात है कि इसका कोई असर नहीं दिखा। देश भर में व्यापार और शिक्षा से जुड़ी दुकानें खुली रहीं और सभी कामकाज नियमित रहे। दिल्ली और एनसीआर में भी सब कुछ सामान्य रहा, कुछ भी बंद नहीं हुआ।

किसानों के बड़े संगठनों और नेताओं का आंदोलन से दूर रहना भी इसका एक कारण हो सकता है। इस बारे में लोगों की भी राय है कि शायद वे लोग जो आम आदमी का चेहरा दिखाते हैं, उन्हें किसानों के मुद्दे की परवाह नहीं है। व्यापारिक संगठन कैट ने भी इस आंदोलन में शामिल नहीं होने का ऐलान किया था, जिससे यह स्पष्ट है कि किसानों के इस आंदोलन को बेअसर करने में उन्हें कोई दिक्कत नहीं होगी।

कल किसानों ने रेल रोको आंदोलन किया था, लेकिन उसमें भी कोई सफलता नहीं मिली। यह सब देखकर लगता है कि किसानों की आवाज़ को सुनने वाले कम ही हैं, जिन्हें इन्हें समर्थन देना चाहिए। यह समय है हम सबको मिलकर उनके साथ खड़ा होने का, उनकी मुश्किलें समझने का और उनकी मदद करने का। अगर हम उनके साथ नहीं खड़े होंगे तो कैसे हमें अपने देश के असली धारावाहिक कहा जा सकता है?

Bharat Bandh: पंजाब में कुछ असर

कुछ इलाकों में, जहाँ किसानों का दिल और रोटी सब कुछ होता है, भारत बंद के आवाज को अपने धड़कनों में महसूस किया गया है। इस बंद के दौरान, बाजारों की दुकानें खुलने से इनकार कर रहीं, और व्यापारिक संस्थाएं भी अपने दरवाजे बंद कर दिए। किसानों का आंदोलन उनकी मजबूती का प्रतीक है। उनकी जीवन-रेखा पर खतरा होने के खिलाफ लड़ाई में, उन्होंने अपने अधिकारों की रक्षा की है। पंजाब के किसानों ने खुद को एक साथी बताया है और उनका योगदान बड़ा है। इस बंद के असर का सबसे ज्यादा पंजाब के उन इलाकों में हुआ है, जहाँ किसानों की आंदोलन में भागीदारी थी। इसका असर सिर्फ बाज़ारों और व्यापारिक संस्थानों पर ही नहीं है, बल्कि सरकारी इंस्टीट्यूट्स पर भी दिख रहा है। यह बंद केवल एक अर्थिक हस्तक्षेप नहीं है, बल्कि यह एक भावनात्मक संघर्ष का परिणाम है। किसान नहीं सिर्फ अपने अधिकारों की रक्षा कर रहे हैं, बल्कि अपने जीवन की लड़ाई लड़ रहे हैं।

Bharat Bandh: किसान विरोधी रैली भी निकली

देश के किसान जब अपनी ताक़त को दिखा रहे होते हैं, उनके साथ उनकी मज़दूर भाइयों का सहारा होता है, लेकिन हरियाणा के कुछ इलाकों में कुछ लोग आंदोलन के खिलाफ निकले। उन युवाओं ने रैली में जुटकर कहा कि कुछ किसान नेता सिर्फ राजनीति कर रहे हैं, आंदोलन के पीछे नहीं। ऐसे में नुकसान केवल किसानों को ही नहीं, बल्कि सामान्य लोगों को भी हो रहा है। इससे न केवल उनका जीवन प्रभावित हो रहा है, बल्कि देश की ताक़त भी।

यूपी पुलिस की भर्ती परीक्षा में बहुत से युवा शामिल होने जा रहे हैं। यह समझना बहुत जरूरी है कि इन युवाओं के लिए यह परीक्षा कितनी महत्वपूर्ण है। यह एक मौका है जिससे उन्हें अपने भविष्य को सुरक्षित बनाने का अवसर मिलता है। लेकिन इस समय, किसानों के आंदोलन के कारण बहुत सारे लोगों का भविष्य खतरे में है।

यह सच है कि आंदोलन और बंद का प्रभाव सरकार को महसूस होना चाहिए, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हमें अपने सपनों को छोड़ देना चाहिए। हमें लड़ना होगा, समय के साथ बदलाव आएगा, लेकिन हमें अपनी मेहनत और संघर्ष से नहीं हारना चाहिए। यह हमारा भविष्य है और हमें इसे स्वयं ही संवारना होगा। आंदोलन और बंद के स्थान पर, हमें साथ मिलकर सरकार को अपनी मांगों को समझाने का प्रयास करना चाहिए। हमें यह भी समझना होगा कि हमारे परिश्रम से ही हमारा भविष्य बनता है, और हमें इसमें किसी भी परेशानी को आने नहीं देना चाहिए।

इस परीक्षा के लिए हमें तैयारी करते समय हमें इस बात पर भी ध्यान देना होगा कि हमें अपने उद्देश्य की ओर बढ़ती हुई बात, समृद्ध और सकारात्मक मार्ग पर चलना है। इसके लिए हमें संघर्ष को अपना मानना होगा, और इसके बावजूद हमें अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए हमेशा प्रयासरत रहना होगा। इसलिए, हमें ना तो डरने की जरूरत है और न ही हार मानने की। हमें अपने सपनों के पीछे लगे रहना होगा, और यह परीक्षा हमारा एक महत्वपूर्ण कदम है जो हमें अपने लक्ष्य की दिशा में आगे बढ़ने में मदद करेगा।

Bharat Bandh

Bharat Bandh: जाम से जूझती रही दिल्ली

Bharat Bandh होने के बावजूद, किसानों का आंदोलन दिल्ली-एनसीआर इलाके में लोगों को बड़ी परेशानी में डाल दिया है। गाजीपुर, यूपी गेट बॉर्डर पर वाहनों की भीड़ ने लोगों को लंबी लाइनों में खड़ा कर दिया है। सुबह से ही गाजीपुर यूपी गेट बॉर्डर पर बहुत बड़ी भीड़ थी, जिससे लोगों को जाम में फंसकर काफी मुश्किलें झेलनी पड़ी। इसके अलावा, नोएडा से दिल्ली जाने वाले रास्तों पर भी काफी भारी भीड़ थी। कालिंदीकुंज बॉर्डर, बदरपुर, और वजीराबाद में लोगों ने बड़ी मेहनत से अपने मंजिल को पहुंचने के लिए लंबी कतारों का सामना किया।

Apache को धूल चटाने के लिए आ चुकी हैं Bajaj pulsar N150 और वो भी दमदार इंजन और साथ में बेहतरीन माइलेज के साथ।

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