Vinesh Phogat :-
विनेश फोगाट भारत की एक जानी मानी पहलवान खिलाडी है। ये भारतीय पहलवान है। यह एक बहुत ही बेहतरीन खिलाडी है। इन्हे बहुत से अवार्ड मिल चुके है। भारत में इन्हे बहुत बार सम्मानित किया जा चूका है। इन्होने अपने बेहतरीन खिलाडी के रूप में भारत का बहुत नाम रोशन किया है। इन्हे अर्जुन अवार्ड के साथ सम्मानित किया गया है।
आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दे कि विनेश फोगाट में 26 दिसंबर को बहुत बड़ा फैसला लिया है। इन्होने फैसला लिया है कि ये भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष के रूप में संजय सिंह के चुनाव के विरोध में अपना खेल रत्न और अर्जुन अवार्ड को भारत सरकार को वपस लौटा देंगी। इन्होने एक पत्र के जरिये नरेन्द्रमोदी जी तक अपनी ये बात पहुचायी है। विनेश का ये फैसला ओलिंपिक पदक विजयता बजरंग पुनिया द्वारा अपने पुरुष्कार लौटने के कुछ दिनों बाद आया है। विनेश ने अपने ट्विटर के अकाउंट पर इस बात की घोषणा की कि “मैं अपने सभी खेल रत्न और अर्जुन अवार्ड भारत सरकार को वापस लौटा रही हूँ।”
हम आपको बता दे कि विनेश फोगाट ने नरेंद्र मोदी जी को कहा कि यादि आपके पास समय है तो कृपया उस आदमी के मीडिया में दिए बयानों को सुन लीजिये। आपको स्वय ही पता लग जायेगा कि उसने महिला पहलवानो के लिए किन शब्दों का प्रयोग किया है। उसने महिला पहलवान के लिए मंथरा शब्द का पयोग किया है। उसने हम महिलाओ को जलील करने में कोई भी कसर नहीं छोड़ी है। उसने बहुत सी पहलवान महिलाओ को पीछे हटने पर मजबूर क्र दिया है।
हम आपको बता दे कि बृजभूषण के करीबी सहयोगी पीनल ने 15 में से 13 पदों पर जीत हासिल करने के बाद संजय सिंह को डब्लूएफआई का अध्यक्ष चुना गया है। परन्तु पहलवानो की मांग थी कि बृजभूषण का कोई भी करीबी WFI के प्रशाशन में न आये। चुनाव के बाद ओलम्पिक की विजयता साक्षी मालिक ने कहा कि वह अब खेल नहीं खेलेंगी। इसके बाद हम आपको बता दे कि खेल मंत्रालय ने नव निर्वाचित पैनल को स्तागीत कर दिया। खेल मंत्री ने कहा कि नए पैनल का गठन किय जाये।
हम आपको बता दे कि विनेश फोगाट ने कहा है कि उन्हें अब इस अवार्ड की छवि से छुटकारा पाना है। इन्होने कहा की वह एक बहुत ही सुन्दर सपना था परन्तु अब जो उनके साथ हो रहा है वो हकीकत है। फोगाट ने कहा की उनके जीवन में अब अर्जुन अवार्ड का और मेजर ध्यनचंद खेल रत्न का कोई महत्व नहीं रह गया है। इन्होने कहा कि हर एक महिला सम्मान के साथ जीवन जीना चाहती है परन्तु अब ये अवार्ड मुझे बोझ लगने लगे है इस करके अब मैं इन अवार्ड को को वापस करना चाहती हु ताकि मई अपने पूरे सम्मान के साथ जीवन जी सकू।