Tata Ratan :-
आइये आज हम आपको बताते है भारत के सबसे प्रसिद्ध बिजनेस टाइकून के बारे में। ये बहरत में अपन व्यापार की लिए बहुत ही प्रसिद्ध है। भारत में तथा विदेशो में भी इनका बहुत मान सम्मान है। आज इनका 86 वा जन्म दिन है। आज ये 86 साल के हो हो गए है। इन्होने अपने जीवन में बहुत ही महान तथा बड़े बड़े कार्य किये है। इन्होने शादी नहीं की है। ये अपना सारा समय अपने काम में ही लगाते है। ये जरुरतमंदो की भी बहुत सहयता करते है। इन्होने कई गरीब बच्चो का जीवन सुधारा है।
हम आपको बता दे कि आज के 86 साल पहले टाटा रतन का जन्म हुआ था। इनका जन्म 28 दिसंबर 1937 को मुंबई में हुआ था। इनके पिता जी क नाम है नवल टाटा तथा इनकी माता जी का नाम है सूनी टाटा। इन्होने Harvard Business school में से शिक्षा प्राप्त की है। बचपन से ही ये बहुत तेज दिमाग के थे तथा व्यापार में इनकी अधिक रूचि देखने को मिलती थी।
बड़े होकर इन्होने अपने को इतना आगे बढ़ाया की आज पूरी दुनिया में इनका नाम है। ये भारत के सबसे बड़े व्यापरियों में से एक है। अपने द्वारा किये गए परोपकार के लिए ये पुरे भारत में मशहूर है। अपने बिज़नेस के लिए इन्हे बहुत से अवार्ड मिल चुके है। अपने जीवन में ये इस उद्धरण को बहुत ही महत्व देते है – मैं सही फैसले लेने में विश्वास नहीं करता ,बल्कि लिए गए फैसलों को सही करने में विश्वास रखता हु।
चलिए हम आपको बताते है की टाटा रतन ने कैसे आपने नाम कमाया। जब जेआरडी टाटा न 1991 में टाटा संस के अध्यक्ष पद से स्तीफा दिया तो इससे पहले ही उन्होंने टाटा रतन को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया था। इनके 21 वर्षो की मेहनत के कारन इन्हे 50 गुना अधिक लाभ प्राप्त हुआ।
आइये अब हम बात करते है इनके परोपकार के बारे में। इन्हे परोपकारों के लिए तो दुनिया भर में मशहूर है। हम आपको बता दे कि इन्होने अपनी आय का 60% से भी अधिक दान कर दिया है गरीबो के लिए इनके दिल में बहुत ही ज्याद अहमदर्दि है। हम आपको बता दे कि इन्होने शिक्षा, चिकित्सा तथा ग्रामीण समाज के विकास के लिए बहुत से कार्य किये है और इन्हे अच्छी शिक्षा तथा स्वस्थ संबंधी कई परेशानियों को दूर किया था।
टाटा समूह की कंपनियों तथा टाटा चैरिटज ने 2010 में एक कार्यकारी संस्था के निर्माण के लिए हारवर्ड बिज़नेस स्कूल को 50 मिलियन डॉलर का दान दिया था। उस समय इनकी ख्याति बहुत ज्यादा हुई थी तथा मीडिया पर इनके बहुत चर्चे हुए थे। इसके अलावा टाटा ने अल्जाइमर रोग के कारन जब जनता बहुत परेशान थी तो इन्होने इसके जल्दी ही उपचार के तरीको को ढूंढने के लिए सेंटर फॉर न्यूरोसाइंस, भारतीय विज्ञान संथान को 750 मिलियन का दाल दिए था।
चलिए अब हम आपको बताते है की आखिर टाटा रतन की इनकम कितनी है? अगर हम मीडिया की बात माने तो वर्ष 2022 में इनका नेटवर्थ 38,00 था। हम आपको बता दे कि टाटा रतन का भारत के प्रसिद्ध व्यापरियों में 41वे स्थान है। आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दे कि टाटा कंपनी लगभग 100 कंपनियों का निजी समूह है जहा ये उत्पाद, ऊर्जा,तथा इनजिनियरिंग में काम करता है। हम आपको बता दे कि टाटा ट्रस्ट भारत में सबसे उच्च और बेहतरीन फाउंडेशन में से एक है।