“Mukesh Ambani का साथी, जिसने छोड़ा अपना सब कुछ और करते हैं रिलायंस में काम बिना सैलरी के!”

Kamaljeet Singh

Mukesh Ambani Best Friend: मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) भारत के एक अमीर और मशहूर बिजनेसमैन हैं जिनके बारे में हर कोई जानता है। लोग उनके बच्चों, उनकी पत्नी, उनकी मां कोकिला बेन के बारे में अच्छे से जानते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि उनका एक खास दोस्त भी है, जिसने उनके साथ काम करने के लिए सालों तक उनकी सैलरी का इंतजार नहीं किया।

मुकेश अंबानी के लिए बेहद अहम है ये खास दोस्त! वे उन्हें सिर्फ अपना दोस्त नहीं बल्कि अपने परिवार का सदस्य मानते हैं। रिलायंस कंपनी के संस्थापक धीरूभाई अंबानी उन्हें प्यार से अपने तीसरे बेटे की तरह बुलाते थे। उनकी दोस्ती इतनी गहरी है कि कंपनी की नौकरी छोड़ने के बाद भी वह हमेशा मुकेश अंबानी के साथ खड़े रहे।

इस अनमोल दोस्ती की कहानी हर किसी को प्रेरित करनी चाहिए। यह दर्शाता है कि सच्ची दोस्ती क्या है और दोस्ती किसी व्यक्ति के लिए सबसे कीमती धन कैसे है। यह दोस्ती सिर्फ पैसे या समृद्धि से जुड़ी नहीं है, बल्कि जिंदगी के हर पल में एक-दूसरे का साथ निभाने से जुड़ी है। यह हमें याद दिलाता है कि यदि हमारे पास सच्चे और विश्वसनीय दोस्त हैं, तो हम किसी भी कठिनाई में एक साथ रह सकते हैं।

कौन हैं Mukesh Ambani के खास दोस्त आनंद जैन?

1975 में जन्मे आनंद जैन, जो अब जैन कॉप लिमिटेड के चेयरमैन हैं, कारोबार के इस मंच पर अपनी कड़ी मेहनत और अनुभव से सफलता की ऊंचाइयों को छू रहे हैं। आनंद को AJ के नाम से पुकारा जाता है, और उनके इस नाम से जाने जाने का कारण है उनके अनोखिता कारोबारी पोहन और संघर्ष का इतिहास।

रियल एस्टेट, फाइनेंस और कैपिटल मार्केट के क्षेत्र में 30 साल का अनुभव रखने वाले आनंद को उनकी सकारात्मक और समर्थ पहचान है। मुकेश अंबानी के साथ उनकी गहरी दोस्ती का इतिहास है, जो उन दोनों के बीच न सिर्फ व्यापारिक संबंधों को मजबूत किया है, बल्कि एक दूसरे के दोस्त के रूप में साथ खड़े होकर उनकी मदद की है।

इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, आनंद और मुकेश अंबानी की दोस्ती 25 साल पुरानी है, जो सिर्फ व्यापारिक दुनिया में ही नहीं, बल्कि मानवता और साझेदारी के नातों में भी गहराई प्राप्त कर चुकी है।ये दोस्ती सिर्फ उनकी प्रोफेशनल उपलब्धियों का हिस्सा नहीं है, बल्कि इससे उनके दिलों के बीच एक गहरा और आत्मीय संबंध भी है।

Mukesh Ambani: स्कूल का जिगरी यार 

मुकेश अंबानी और आनंद जैन, एक साथी जैसे दोस्त, एक साथी से भी ज्यादा पास हो गए थे। वे नहीं सिर्फ स्कूल के उम्र से ही साथ पढ़ाई किया करते थे, बल्कि दिलों के करीब भी थे। मुंबई के हिल ग्रेनी हाई स्कूल में जब वे मिले, तो स्कूल के माहौल में उनकी दोस्ती ने नया आयाम दिया।

जीवन का हर पड़ाव आता रहा, लेकिन उनकी दोस्ती में कोई कमी नहीं आई। कॉलेज के दिनों में भी, जब अन्य छात्र अपने अपने रास्ते चले गए, तो मुकेश और आनंद की दोस्ती में अटूट बनाए रखी। फिर आया वह दिन, जब उन्हें अलग-अलग के शहरों की राह चलनी पड़ी। मुकेश का सफर स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की ओर था, जबकि आनंद ने अपने कारोबार के सपने के साथ दिल्ली की ओर कदम बढ़ाए। मुकेश ने अपने सफर समाप्त किया, लेकिन उसके दिल में एक खालिश थी, जो सिर्फ उसके दोस्त आनंद को ही समझ सकता था। उसने आनंद को बुलाया, उसने उसे अपने साथ लौटने की आहट दी।

जब दोस्त फिर से मिले, तो वहाँ एक अजीब सी खुशी थी, जो शब्दों में नहीं बयां हो सकती थी। उनकी दोस्ती ने इतिहास बना दिया था, जो किसी बाधा या समय की परेशानी में भी कमजोर नहीं हुई। वे दोनों एक-दूसरे के लिए हमेशा मौजूद रहें, यही उनकी दोस्ती की अमर सच्चाई थी।

Mukesh Ambani: दोस्त के बुलावे पर दौड़े चले आए आनंद  

एक दिन, दोस्त की बुलावे पर आनंद ने सब कुछ छोड़कर अपने गांव से निकलने का फैसला किया। उसका सपना था मुंबई में अपना नाम बनाने का। वह अपने बंधुओं को छोड़कर रिलायंस इंडस्ट्रीज में अपना करियर बनाने के लिए रवाना हुआ। वहाँ पहुंचकर उसने मुकेश अंबानी के साथ जुड़ कर काम करना शुरू किया। उन्होंने धीरूभाई अंबानी के मार्गदर्शन में कारोबार की दुनिया की समझ पाई।

धीरूभाई अंबानी ने आनंद को अपने दोस्त की तरह स्वागत किया। वह उसके साथ अपने विचार साझा करते थे और उसके करीब बने रहते थे। आनंद के लिए धीरूभाई अंबानी की मेहनत और उसका साथ उनके लिए बड़ी राहत थी। उसकी आत्मविश्वास बढ़ी और वह काम करते हुए सीखता रहा। इस रिश्ते में उसका सम्मान बढ़ता गया और वह अपने सपनों की ओर आगे बढ़ता गया।

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"Mukesh Ambani का साथी, जिसने छोड़ा अपना सब कुछ और करते हैं रिलायंस में काम बिना सैलरी के!"

Mukesh Ambani: बिना सैलरी सालों तक करते रहे काम 

वर्ष 1980 में, जब सारी दुनिया अपनी नजरें धीरूभाई अंबानी की ओर घुमा रही थी, तब अन्य सभी के खिलाफ उनके साथ खड़े एक वीर भी थे। धीरूभाई जी और उनकी कंपनी, रिलायंस, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में उनके खिलाफ बियर कार्टेल के खिलाफ जूझ रहे थे। उनके साथ एक बड़ा साथी उनके जीवन में प्रकट हुआ – आनंद जैन।

आनंद जी ने उन्हें अपने पंखों के नीचे ले आए और उनकी मदद की, जो धीरूभाई जी के लिए काफी महत्वपूर्ण थी। उनके सहयोग से, धीरूभाई जी की कंपनी रिलायंस के कई महत्वपूर्ण कदम चल पाए। उन्होंने आनंद जैन को अपनी टीम का हिस्सा बनाया और उन्हें रिलायंस कैपिटल के उपाध्यक्ष का पद दिया। इसके साथ ही, उन्हें भारतीय पेट्रोकेमिकल लिमिटेड (IPCL) के कारोबार की भी जिम्मेदारी सौंपी गई।

लेकिन जब अनिल और मुकेश अंबानी के बीच विवाद हुआ, तो धीरूभाई जी और उनके साथी भी कई आरोपों का सामना करना पड़ा। यह जीवन की एक सच्चाई है कि जहां सफलता होती है, वहां विवाद भी नहीं दूर होते। लेकिन उन्होंने अपने अधिकारों के लिए लड़ा और जीत हासिल की। और उनकी ये लड़ाई उन्हें और उनके संगी को एक साथ मजबूती से जोड़ने का मौका भी दिया।

Mukesh Ambani के सलाहकार  

मुकेश अंबानी और आनंद जैन का साथी पन में कमाल है। जब भी कोई बड़ी या महत्वपूर्ण सौदे का सामना होता है, तो वे अपने मित्र के राय और सलाह का सहारा लेते हैं। आनंद, रिलायंस इंडस्ट्रीज ग्रुप के डायरेक्टर के तौर पर काम कर रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने कभी भी सैलरी नहीं ली। उनके द्वारा किए गए रियल एस्टेट निवेश के पीछे रिलायंस अंबानी के आदमी आनंद जैन का बुद्धिमत्ता और कुशलता है।

Mukesh Ambani: बेटे ने शुरू की  ड्रीम 11 कंपनी 

हर्ष जैन, आनंद जैन के पुत्र, ने फैंटेसी स्पोर्ट्स प्लेटफ़ॉर्म Dream 11 कंपनी की स्थापना की। आज, उनकी कंपनी का मूल्यांकन 8 अरब डॉलर से भी अधिक है, जिससे Dream 11 भारत का प्रमुख ‘यूनिकॉर्न’ है। हर्ष जैन एक 65,000 करोड़ रुपये के ब्रांड के संस्थापक हैं। वहीं, आनंद जैन 2007 में फोर्ब्स इंडिया की 40 सबसे अमीर लोगों की सूची में 11वें स्थान पर थे।

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