America Bridge Collapse: मैरीलैंड राज्य के बाल्टीमोर शहर में सोमवार 25 मार्च की रात बेहद दुखद घटना घटी।। वहाँ एक कंटेनर शिप, जिस पर ‘फ्रांसिस स्कॉट की’ का झंडा लहरा रहा था, उसकी टक्कर एक पुल से लगी। इस हादसे में पुल टूटकर पेटाप्स्को नदी में गिर गया।
यह अत्यंत दुखद है कि इस हादसे में पुल के साथ-साथ कुछ लोगों की भावनाओं को भी टूट चुका है। शिप पर 22 क्रू मेंबर्स भारतीय हैं, जिनमें से एक क्रू मेंबर भी किसी नुकसान के बिना नहीं रहा। इस हादसे में सिंगापुर का झंडा लहराते हुए जहाज श्रीलंका की राजधानी कोलंबो की ओर जा रहा था।
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, हादसे के बाद भी जहाज के चालक दल के सदस्य जहाज पर ही हैं, और वे सरकारी अधिकारियों को विस्तार से जवाब दे रहे हैं। उन्होंने अपने जीवन का सबसे महत्वपूर्ण कार्य अपनी जिम्मेदारियों को निभाना माना है। इस समय, जब तक पुल के नष्ट होने की पूरी सफाई नहीं होती, वे वहाँ नहीं जाएंगे, बल्कि जहाज की देखभाल का ध्यान रखेंगे।
हम सभी को इस दुखद घटना के प्रकोप को साझा करके अपने सहयोगियों का समर्थन करना चाहिए। इस दुख की घड़ी में हम उनके साथ हैं और हमारी संवेदनाएं उनके साथ हैं. आशा है कि हर कोई जल्द ही सुरक्षित और समृद्ध होकर वापस आएगा।
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America Bridge Collapse: लग सकता है हफ्तों का समय
फिलहाल में मलबे को हटाने, जहाज को मुक्त करने, और अमेरिका के सबसे व्यस्त बंदरगाहों में से एक को पुन खोलने में कई हफ्ते लग सकते हैं। शनिवार को मेरीलैंड के गवर्नर ने बताया कि अधिकारियों ने मलबे के पहले हिस्से को हटाने की योजना बनाई है। इस बीच, जहाज की प्रबंधन कंपनी सिनर्जी मरीन की सहायता के लिए क्रिस जेम्स ने न्यूयॉर्क टाइम्स को बताया कि जहाज के चालक दल के सदस्यों के पास खाने-पीने की पर्याप्त सामग्री है, और जनरेटर को चालू रखने के लिए पर्याप्त ईंधन है। अभी भी कोई निश्चित समयसीमा नहीं है कि जहाज को मलबे से कब निकाला जाएगा। जेम्स ने न्यूयॉर्क टाइम्स को बताया कि एक बार जब राष्ट्रीय परिवहन सुरक्षा बोर्ड और तटरक्षक अपनी जांच पूरी कर लेंगे, तो जहाज के चालक दल को घर भेजने के लिए कार्रवाई की जा सकती है।
America Bridge Collapse: शिप के क्रू मेंबर्स ने की पूरी कोशिश
हादसे वाले दिन, जब हमारी शिप खतरे में थी, हमारी क्रू टीम ने हर संभव प्रयास किया था ताकि हम ब्रिज के खंभे से टकराने से बच सकें। पायलट ने कैप्टन से अपील की कि शिप का इंजन पुनः चालू किया जाए। उस समय, हमें शिप को बाईं तरफ मोड़ने की कोशिश करने का आदेश मिला। हमने हर संभव प्रयास किया, लेकिन कोई सहारा नहीं मिला। तब पायलट ने हमें एंकर डालने का आदेश दिया, ताकि हमारी शिप की स्पीड कम हो जाए और हम सुरक्षित रूप से समुद्र की लहरों में सामा सकें।
इस समय, हमने मैरीलैंड की ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी को SOS अलर्ट भेजा, जिससे हमें तत्काल सहायता मिल सके। हम आशा कर रहे थे कि हमारी यह संघर्ष प्रभावी होगी और हम सभी सुरक्षित रूप से घर लौटेंगे। इस मुश्किल घड़ी में हमारी टीम में एकता और साहस की भावना थी, जो हमें हर मुश्किलात से निपटने में सहायक साबित हुई।
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यह साथ मिलकर गुज़री हर क्षण एक अनुभव और सिखावट भरा था, जो हमें आगे बढ़ने की ताकत देता है। जब भी हम इस यादगार घटना को याद करते हैं, तो हमारे दिल में एक अजीब सा गहरा अनुभव होता है, जिसमें साहस और संघर्ष की कहानी छिपी होती है।
America Bridge Collapse: SOS अलर्ट से क्या हुआ?
SOS अलर्ट एक बहुत गंभीर संकट की घोषणा होती है। यह एक आपात स्थिति का संकेत होता है, जो किसी की जान बचाने की आवश्यकता होती है। जब एक जहाज़ अपने द्वारा स्थानांतरित बुरी तरह से प्रभावित होता है, तो वह SOS अलर्ट जारी करता है। इसे सुनते ही संचार के अधिकारी उनके इस्तीफे को स्थगित करते हैं और तुरंत कार्रवाई करते हैं।
हाल ही में, एक जहाज़ ने SOS अलर्ट भेजा। इससे प्रेरित होकर, ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी ने फौरन पुल के दोनों ओर ट्रैफिक को रोक दिया। क्रू के साहसी कदम को सलामी दी गई, और उन्हें ‘हीरो’ घोषित किया गया। लेकिन, दुख की बात यह है कि हादसे को रोका नहीं जा सका। इस दुर्दशा में 6 लोगों की मौत हो गई। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने इस दुखद घटना पर अपना गहरा शोक जताया।